अंदर का सच्चा स्व – उपनिषद, एक प्राचीन हिंदू ग्रंथ से चयन, 2 का भाग 22025-07-08ज्ञान की बातेंविवरणडाउनलोड Docxऔर पढो"अब वह, अपने को पाँच भागों में विभाजित करके, मन का स्वरूप धारण करके, प्राणों को अपना शरीर मानकर, तेजस्वी, सत्य संकल्पों वाला तथा आकाश के समान मुक्त होकर, एक गुप्त स्थान (बुद्धि) में छिपा हुआ है।"